Sunday, 25 December 2016

फिल्म अभिनेत्रा साधना एक स्मरण ------ संजोग वाल्टर / ध्रुव गुप्त







मुंबई (25 दिसंबर):वयोवृद्ध फिल्म अभिनेत्रा साधना का निधन हो गया है। वे 74 साल की थीं। उन्होंने मुंबई में अंतिम सांसें लीं। साधना के निधन की खबर के पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। एक्टर्स ने उनकी मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्कत किया है।


साधना का जन्म 2 सितम्बर, 1941 को कराची के सिन्ध में हुआ था। साधना अपने माता-पिता की एकमात्र संतान थीं और 1947 मे देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ गया था।
साधना का नाम उनके पिता मे अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था। उनकी मां ने उन्हें आठ वर्ष की उम्र तक घर पर ही पढा़या था। बता दें कि हरि शिवदासानी जो अभिनेत्री बबीता के पिता हैं, साधना के पिता के भाई हैं।
साधना ने 1981 में महफ़िल से बॉलीवुड में करियर की शुरूआत की और पहली बार 1974 में गीता मेरा नाम का निर्देशन भी किया। अपने दौर में साधना का हेयर स्टाइल भी खासा फेमस था।



http://hindi.news24online.com/veteran-actor-sadhana-passes-away-29/
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मशहूर अभिनेत्री साधना का मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में शुक्रवार को निधन हो गया. 74 साल की साधना कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं.
उन्होंने 'आरज़ू', 'मेरे मेहबूब', 'लव इन शिमला', 'मेरा साया', 'वक़्त', 'आप आए बहार आई', 'वो कौन थी', 'राजकुमार', 'असली नकली', 'हम दोनों' जैसी कई मशहूर हिंदी फ़िल्मों में काम किया था.
साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था. उनके नाम पर 'साधना कट' हेयरस्टाइल बेहद मशहूर हुआ था.
ट्विटर पर कई लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
 
 
पिछले साल साधना, अभिनेता रणबीर कपूर के साथ रैंप पर भी दिखी थीं
निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने ट्वीट किया, "आरआईपी साधना आंटी...सौंदर्य, आत्मविश्वास और आकर्षण की आपकी विरासत अमर रहेगी."
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, "साधना पहली ऐसी अभिनेत्री हैं, जिनके नाम पर एक हेयरस्टाइल शुरू हुआ. उनका 'साया' हमेशा ज़िंदा रहेगा."
गायिका लता मंगेशकर ने ट्विटर के ज़रिए कहा, ''मुझे अभी पता चला कि मेरी पसंदीदा अभिनेत्री साधना जी का आज स्वर्गवास हुआ है. वो एक बहुत बड़ी कलाकार थी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.''
साधना के साथ फ़िल्म 'एक फूल दो माली' और 'इंतकाम' में काम कर चुके अभिनेता संजय ख़ान कहते हैं, ''मैंने उनके साथ अपनी दो सबसे कामयाब फ़िल्में की थीं. वो बेहद ख़ूबसूरत थीं. बहुत सुंदर तरीके से चलती थीं. उन्हें हेयर स्टाइलिंग की इतनी समझ थी की एक बार उन्होनें मुझे एक नया हेयर स्टाइल दिया था.''
उन्होंने कहा, ''साधना के पति आरके नैय्यर मेरे करीबी मित्र थे. मुझे याद है कि साधना जितनी ख़ूबसूरत थी उतनी ही साफ़ दिल की थीं.''
संजय ख़ान ने कहा, ''मैं उनसे मिलने नहीं गया क्योंकि मुझे मालूम था कि वो ठीक नहीं हैं. उन्हें दावत देने की मेरी ख़्वाहिश अधूरी रह गई. मैं उन्हें बीमार नहीं देखना चाहता था. बहुत दुख है.''
अभिनेत्री आशा पारेख के मुताबिक़, ''पिछले हफ़्ते ही हम मिले थे और हमारी पार्टियां होती थीं, जिनमें हम बीते ज़माने की एक्ट्रेसेज़– हेलेन, वहीदा रहमान, शम्मी आंटी और कई लोग मिलते थे. उनकी तबियत पहले से ख़राब थी और पांच-छह कोर्ट केस भी चल रहे थे, जिनके चलते वह परेशान थीं. उन्होंने कभी अपना दुख हमसे साझा नहीं किया.''
आशा पारेख कहती हैं, ''वह बहुत पॉपुलर थीं और उसका 'साधना कट' मुझे आज भी याद है. हम उनके घर ही जा रहे हैं.''
पिछले साल मुँह के कैंसर की वजह से साधना की सर्जरी हुई थी. पिछले साल वह अभिनेता रणबीर कपूर के साथ रैंप पर भी दिखी थीं.





Monday, 5 December 2016

Florence Ezekiel Nadira :5 December 1932: --- Sanjog Waltar

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OLD is GOLD
19 hrs
Florence Ezekiel Nadira (5 December 1932 – 9 February 2006), commonly known as Nadira was an actress in Indian cinema. She is best remembered for her performance in films in the 1950s and 1960s such as Shree 420 (1955), Pakeezah (1972) and Julie (1975), which won her Filmfare Best Supporting Actress Award.
Nadira was born to a Baghdadi Jewish family. She is survived by two brothers, one of whom lives in the USA and another in Israel.
Nadira rose to cinematic prominence with the 1952 film Aan with her role as a savage princess. She did a bold scene in the movie. In 1955, she played a rich socialite named Maya in Shree 420. She played lead roles in a number of films such as Dil Apna Prit Parayee, Hanste Zakhm, Amar Akbar Anthony and Pakeezah. She was often cast as a temptress or vamp, and played opposite the chaste heroines then favored by the Bollywood film industry.
Nadira won a Filmfare Award for Best Supporting Actress, her role as Julie's mother Margaret, 'Maggie', in the 1975 film Julie. During the 1980s and 1990s, she entered a new phase of her career, playing elderly women as a supporting actress. Her last role was in the film Josh (2000). In her longtime career, because of her western attire, her character in most of her memorable movies was Christian or Anglo-Indian. One notable exception can be found in the movie Aan, opposite Dilip Kumar, where she played a Rajput princess. Also, in Shree 420 there was no religious affiliation shown explicitly: her character was named Maya, which is not necessarily a Christian name. In fact, Maya is a quite common name in India, coming from the Sanskrit word for illusion.
She was well paid for her efforts and was one of the first Indian actresses to own a Rolls-Royce.
Nadira was married twice: she first married an Urdu-language poet and filmmaker named Naqshab, then she married a man whom she publicly called a gold-digger. This marriage lasted only a week.
For the last part of her life, she lived alone in Mumbai, as many of her relatives had moved to Israel, staying for the last three years in her condominium with only a housekeeper.
On 9 February 2006, Nadira died at the age of 73 at the Bhatia Hospital in Tardeo, Mumbai, India, following a prolonged illness.