कुलदीप कुमार 'निष्पक्ष'
उन आँखों का हँसना भी क्याजिन आँखों में पानी न हो
वो जवानी जवानी नहीं
जिसकी कोई कहानी न हो......
जन्मदिवस (27 जून)/ सदाबहार पार्श्वगायक नितिन मुकेश
27 जून 1950 को पैदा हुए युवा दिलों के गायक नितिन मुकेश महान पार्श्वगायक मुकेश जी के पुत्र हैं। सन् 1970 से 2000 तक गायिकी के क्षेत्र में सक्रीय रहने वालें नितिन मुकेश ने अपने 3 दशक के फ़िल्मी कैरियर में बहुत कम गीत गायें हैं। लेकिन जितना भी गीत अपनी खनकती आवाज़ में गाया सभी उस दौर से लगाय आज भी श्रोताओं को पसंद आता है। और इनके गीतों को सुनने के बाद वह जुबां पर भी चढ़ जाता है। नितिन मुकेश साहब ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, ख़य्याम, बप्पी लहरी, राजेश रौशन, नदीम-श्रवण और आनंद मिलिंद जैसे दिग्गज संगीतकरों के साथ काम किया। मनोज कुमार और अनिल कपूर के ऊपर फिल्माया गया इनका गीत काफी लोकप्रिय भी रहा है। क्रांति, त्रिशूल, तेज़ाब, नूरी, चांदनी, जैसी करनी वैसी भरनी, राम लखन, किंग अंकल, मेरी जंग, बेवफ़ा सनम, काला बाजार और आईना' फ़िल्म के लिये गाये गए गीत इनकी गायिकी प्रतिभा के हस्ताक्षर हैं। इनके द्वारा गाये गए सुपरहिट्स गीतों में 'गपुची गपुची गमगम, चना जोर गरम, आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा, ज़िन्दगी की न टूटे लड़ी, जाते हो परदेश पिया, ज़िन्दगी हर क़दम एक नयी जंग हैं, माई नेम इज़ लखन, जैसी करनी वैसी भरनी, मेरे ख्याल से तुम, याद तुम्हारी जब जब आये, चाँद की साईकिल सोने की सीट, दिल ने दिल से क्या कहा, पैसा बोलता है, वफ़ा ना रास आयी, इस जहाँ की नहीं है तुम्हारी आँखें' आदि गाने शामिल हैं। इसके अलावा नितिन मुकेश ने कई प्रसिद्ध भजनों को भी आवाज दिया है।
सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक को उनके गाये और मेरे पसंदीदा गीत की कुछ पंक्तियों के साथ जन्मदिवस की शुभकामनाएँ !
'हौसला न छोड़ कर सामना जहाँ का
वो बदल रहा है देख रंग आसमान का
ये शिकस्त का नहीं फ़तेह का रंग है
ज़िंदगी हर क़दम एक नई जंग है
जीत जाएंगे हम तू अगर संग है....!'
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