Monday, 4 July 2016

हिन्दी सिनेमा की पहली ब्यूटी क्वीन नसीम बानू ------ संजोग वॉल्टर



 भारतीय सिने जगत में अपनी दिलकश अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाने वाली अभिनेत्रियों की संख्या यू तो बेशुमार है लेकिन चालीस के दशक में एक अभिनेत्री ऐसी हुयी। जिसे ब्यूटी क्वीन कहा जाता था और आज के सिने प्रेमी शायद  ही उसे जानते हों, वह अभिनेत्री थीं नसीम बानू 4 जुलाई 1916 को को जन्मी नसीम बानू की परवरिश शाही ढग़ से हुयी थी। वह स्कूल पढऩे के लिए पालकी से जाती थीं। नसीम बानू की सुंदरता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें किसी की नजर न लग जाए इसलिये उन्हें पर्दे में रखा जाता था। फिल्म जगत में नसीम बानू का प्रवेश संयोगवश हुआ। एक बार नसीम बानो अपनी स्कूल की छुटियों के दौरान अपनी मां के साथ फिल्म सिल्वर किंग की शूटिंग देखने गयीं। फिल्म की शूटिंग देखकर नसीम बानू मंत्रमुग्ध हो गयीं और उन्होंने निश्चय किया कि वह अभिनेत्री के रुप में अपना सिने करियर बनायेंगी। इधर स्टूडियों में नसीम बानू की सुंदरता को देख कई फिल्मकारों ने नसीम बानू के सामने फिल्म अभिनेत्री बनने का प्रस्ताव रखा लेकिन उनकी मां ने यह कहकर सभी प्रस्ताव ठुकरा दिये कि नसीम अभी बच्ची है। नसीम की मां उन्हें अभिनेत्री नहीं बल्कि डॉक्टर बनाना चाहती थीं। इसी दौरान फिल्म निर्माता सोहराब मोदी ने अपनी फिल्म ‘हेमलेट’ के लिये बतौर अभिनेत्री नसीम बानू को काम करने के लिए प्रस्ताव दिया और इस बार भी नसीम बानू की मां ने इंकार कर दिया लेकिन इस बार नसीम अपनी जिद पर अड़ गयी कि उन्हें अभिनेत्री बनना ही है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बात मनवाने के लिये भूख हडताल भी कर दी । 70 के दशक में उनकी पहचान सायरा बानू की माँ के रूप में बनी,गोपी के बाद वो दिलीप कुमार की सास के रूप में जानी गयी, कभी दिलीप कुमार के साथ फिल्मों में हेरोइन बन कर आने वाली नसीम बानू 1970 में दिलीप कुमार की सास बनी,नसीम बानू ने अभिनय के बाद 1960 में रिलीज़ सायरा बानू की पहली फिल्म जंगली से ड्रेस डिजायनिंग का काम किया सिर्फ अपनी बेटी की ही फिल्मों में 18 जून 2002 को मुबई में 83 साल की उम्र में स्वर्गवास हो गया था.नसीम बानू ने सोहराब मोदी की कई फिल्मों में काम किया था खून का खून 1935,तलाक 1938,पुकार 1939 उजाला 1942,चल चल रे नौज़वान 1944 ,बेगम 1945 ,दूर चलें 1946 ,जीवन आशा 1946 ,अनोखी अदा 1948 ,चांदनी रात 1949 , शीश महल 1950 ,शबिस्तान 1951 ,अजीब लड़की 1952 ,बागी 1953 , नौशेर्वाने आदिल 1957 काला बाज़ार 1960 ,हौली डे इन बॉम्बे 1963 नबाव सिराज़ुद्दौल्ला 1967 ,पाकीज़ा 1972 कभी कभी 1976

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