Thursday 9 March 2017

देविका रानी की 23 वीं पुण्यतिथि ------ Er S D Ojha / Sharwan Kumar



Er S D Ojha
आज कैसी हवा चली ऐ 'फिराक' !
आज सुप्रसिद्ध अभिनेत्री देविका रानी की 23 वीं पुण्यतिथि है .वही देविका रानी जिनके शार्ट टेम्पर होने की वजह से उनके फैंस ने "ड्रेगन लेडी "नाम दिया था. देविका रानी का जन्म 30 मार्च सन् 1908 को विशाखापत्तनम में हुआ था . उनके पिता कर्नल एम एन चौधरी चेन्नई के पहले सर्जन कर्नल थे .माता लीला चौधरी थीं . देविका रानी का परिवार रवीन्द्र नाथ टैगोर के खानदान से ताल्लुक रखता था .देविका रानी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थीं. उनकी इसी विशेषता के कारण फिल्मकार हिमांशु राय ने उन्हें अपनी अंग्रेजी फिल्म " "कर्मा " (1933 ) में लीड रोल दिया था.
देविका रानी के अंग्रेजी के स्पष्ट उच्चारण ने फिल्म "कर्मा" के कामयाबी के चार चांद लगा दिये . फिल्म के लंदन में विशेष शो आयोजित किये गये . इस फिल्म ने अंतराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की .फिल्म "अछूत कन्या" (1936) से उनको First lady of Indian screen का खिताब मिला . इसके अतिरिक्त देविका रानी की "इज्जत "(1937) , "सावित्री "( 1938 ), "निर्मला" (1938) आदि उल्लेखनीय फिल्में थीं . आज लोग हेमा मालिनी को "ड्रीम गर्ल " के नाम से जानते हैं ,पर हकीकत यह है कि हेमा के जन्म से पहले हीं देविका रानी को ड्रीम गर्ल की उपाधि मिल चुकी थी . उन्होंने कुल जमा 15 फिल्में हीं की , पर सारी की सारी वे क्लासिक फिल्में थीं . फिल्मों में इकट्ठे काम करते करते हिमांशु राय देविका रानी के पति बन गये . पति पत्नी की इस जोड़ी ने उस दौर के अंग्रेजी फिल्म "कर्मा" में 4 मिनट का किसिंग सीन दिया था , जो आज भी एक रिकार्ड है.उस समय फूल पर भंवरा बिठा कर या दो फूलों को हवा में झूमता दिखा कर रोमांटिक सीन पूरा किया जाता था . किसींग सीन के बारे में तो कोई सोच भी नहीं सकता था .
पति पत्नी ने मिलकर एक स्टूडियो "बाम्बे टॉकीज "की स्थापना की थी , जिसके बैनर तले अशोक कुमार ,दिलीप कुमार , मधुबाला व मुमताज को पहला ब्रेक मिला था . दिलीप कुमार का नाम युसुफ खान था . देविका रानी ने हीं उनका नाम दिलीप कुमार रक्खा . कारण "कुमार "शब्द से वे अशोक कुमार का विकल्प खोज रहीं थीं. उन दिनों अशोक कुमार का बड़ा नाम था . सन् 1940 में हिमांशु राय की मौत के बाद "बाम्बे टॉकीज " के अवसान के दिन शुरू हो गये . चाहकर भी देविका रानी बाम्बे टॉकीज को पहले वाले रुतबे पर नहीं रख पायीं.
देविका रानी को सर्वप्रथम " दादा साहब फाल्के " एवार्ड मिला था . वे पहली फिल्म अभिनेत्री बनीं ,जिसे "पद्मश्री " एवार्ड मिला . सोवियत संघ ने उन्हें "सोवियत लैण्ड पुरूष्कार " दिया था. भारत सरकार ने देविका रानी के नाम पर डाक टिकट जारी किया. वे फिल्मों से अलग होने के बाद भी कई कला संस्थाओं से जुड़ीं रहीं . अंतराष्ट्रीय स्तर पर देविका रानी को जो लोकप्रियता व सराहना मिली , वह अभी तक किसी अन्य भारतीय अभिनेत्री को नहीं मिली है .हिमांशु राय के निधन के पांच साल बाद देविका रानी ने दूसरा विवाह रुसी चित्रकार स्वेतोस्लाव रोरिक से की थी.
आज के हीं दिन अर्थात् 9 मार्च सन् 1994 को देविका रानी की इह लीला समाप्त हुई . उनके निधन पर देश विदेश के उनके लाखों प्रशंसकों की आंखें भर आयीं थीं.
आज कैसी हवा चली ऐ फिराक ,
आंख बेइख्तियार भर आयी .

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Er S D Ojha देविका रानी का कोई संतान नहीं थी . उनके मरने के बाद उनकी सम्पति पर काफी विवाद हुआ था 





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