साभार :
Sanjog Baltar
लीना
चंदावरकर ने हिंदी फिल्मों में अपनी पारी की शुरुआत सुनील दत्त की फिल्म
*मन का मीत 1968 से की थी इस फिल्म के हीरो थे सुनील दत्त के भाई सोम दत्त
1970 में सास भी कभी बहु थी,ज़वाब,हमजोली,1971 में जाने अनजाने,मैं सुन्दर
हूँ,महबूब की मेहँदी 1972 में प्रीतम,रखवाला,दिल का राजा,1973
मनचली,हनीमून,एक कुंवारा एक कुंवारी,1974 में अनहोनी,ईमान,चोर चोर, 1975
बिदाई,अपने रंग हज़ार,एक महल हो सपनो का,1976 में बैराग,
कैद,जग्गू 1977 में नामी चोर,यारों का यार,आखिरी गोली आफत, 1978 में
नालायक,1980 में ज़ालिम 1985 में सरफ़रोश में अभिनय किया, लीना चंदावरकर
की किस्मत में हर साल एक हिट लिखी थी उस दौर के हर बड़े हीरो के साथ
उन्होंने काम किया,दिलीप कुमार शम्मी कपूर,धर्मेन्द्र,राजेश खन्ना,संजीव
कुमार,विश्वजीत,विनोद खन्ना,शत्रुघन सिन्हा.लीना चंदावरकर का जन्म कर्णाटक
के धारवाड़ में 29 अगस्त 1950 को फौजी परिवार में हुआ था.Fresh Face
फिल्म फेयर कम्टीशन के ज़रिये वो लाइम लाईट में आयी 2007 में सोनी पर दिखाई
दी थी,लीना चंदावरकर का नाम रखवाला की शूटिंग के दौरान धमेद्र के साथ
जुडा,जिसे फ़िल्मी जुबां में गासिप कहा गया .लीना चंदावरकर ने अपने
फ़िल्मी करियर के चड़ते ग्राफ के बीच दिसम्बर 08 1975 को बम्बई में
सिद्धार्थ बांदोडकर के साथ शादी करे सबको चौंका दिया सिद्धार्थ गोवा के
पहले मुख्य मंत्री भाऊ साहेब बांदोडकर के बेटे थे,इस शादी को उस दौर
में फैरी टेल कहा गया था. शाशिकलाताई काकोडकर, सिद्धार्थ की बड़ी बहन थी
और वे भी गोवा की मुख्य मंत्री रही.18 दिसम्बर 1975 को सिद्धार्थ एक
हादसे का शिकार हो गये उनके अपने ही रिवाल्वर से उन्हें गोली लग गयी इस
हादसे से गोवा से लेकर दिल्ली तक तक हडकंप मच गया क्योंकी घायल होने वाला
सिद्धार्थ तब की मुख्य मंत्री का भाई था,पहले गोवा फिर बम्बई में
सिद्धार्थ का इलाज़ हुआ,कई महीने अस्पताल में रहने के बाद वो घर लौट
आये,1976 के बीच में सिद्धार्थ के जखम जो ठीक होने के बाद फिर से उभरे
लिहाजा बम्बई के जसलोक अस्पातल में उन्हें फिर से भर्ती किया गया जहाँ वो 7
नवंबर 1976 को महज़ 26 साल की उम्र में जिंदगी से जंग हर गये.इस मौत से
गोवा थम गया थासिद्धार्थ के अंतिम संस्कार वाले दिन पूरा गोवा बंद था,लोग
शामिल थे सिद्धार्थ की अंतिम यात्रा में, मुख्यमंत्री शाशिकलाताई काकोडकर
ने गोवा में सिद्धार्थ की याद में memorial stands बनवाया जो उनकी माँ
सुनंदाबाई के memorial stands के पास है. Shashikalatai has dedicated the
Siddharth Bhavan in memory of her beloved brother.लीना महज़ 26 साल की
उम्र में विधवा हो चुकी थी,हिंदी फिल्मों से दूर थी.1980 में लीना ने अपनी
उम्र से 20 साल बड़े किशोर कुमार से शादी कर और वो उनकी चौथी और आखिरी
बीबी थी,किशोर और लीना के बेटे का नाम सुमित है 13 अक्टोबर 1987 को 39 साल
की उम्र में लीना फिर विधवा हो गयी,आज कल वे सुमित और अपने सौतेले बेटे
अमित कुमार और अमित की पत्नी और अमित की माँ के साथ रह रही है.लीना को
"चाइनीज़ डौल" भी कहा जाता था .
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